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बड़ा दिलचस्प शब्द है काउंटडाउन। इसके कुछ और चमत्कार देखिए। एक लड़का किसी नई कक्षा में नामांकन कराता है। अब फायनल एक्जाम के लिए उसके पास बारह महीने हैं। वह सोचता है, अरे बारह महीने हैं, बारह महीने। एक महीना बीता। वह सोचता है, अभी तो एक ही महीना गुजरा है, आगे ग्यारह महीने पड़े हैं। फिर एक महीना बीता। वह फिर सोचता है, एक और महीना ही तो गुजरा है। अभी तो दस महीने पड़े हैं। फिर एक महीना और बीता। अब भी उसके पास नौ महीने हैं। और जब छठे महीने से वह कोर्स की तैयारी के लिए सुर्खरू होता है तो मामला भारी पड़ जाता है। मेहनत बढ़ाता है तो बीमार पड़ जाता है, हाइपर टेंशन का शिकार हो जाता है। एकाध महीने इसी में यों ही गुजर जाते हैं। अब तो वह डरने लगा है। साथी छात्रों, शिक्षकों व अभिभावक सभी से नजरें चुराने लगा है। आखिर में या तो वह अच्छे मार्क नहीं ला पाता या फेल हो जाता है।
अब क्या यह बताने की जरूरत है कि वह किस सिंड्रोम का शिकार था? उसका माइंड काउंटअप का गोता लगा रहा था। इस काउंटअप ने उसका सत्यानाश कर दिया। गिनती वही थी, महीने उतने ही होते, पर यदि उसने काउंटडाउन किया होता तो तस्वीर दूसरी होती। जरा इसका भी जायजा लीजिए कि क्या होता? यदि छात्र का माइंड काउंटडाउन करता होता तो कोर्स पूरा करने के लिए जो बारह महीने थे, उसका गुजरने वाला एक-एक दिन उसके लिए वैल्यूएबल हो जाता। एक महीना के गुजरते उसका कलेजा धक मारता और वह इस चिंतन में गहरे डूब जाता कि अब उसके पास ग्यारह महीने ही हैं। फिर क्या होता? काउंटडाउन करते उसके माइंड का कोर्स के साथ एक निश्चित संबंध बैठता और गुजरते समय के साथ उसकी तैयारी सटीक होती चली जाती। फिर क्या यह बताने की जरूरत है कि उसका रिजल्ट क्या आता? नहीं न।
काउंटडाउन एक चमत्कारिक शब्द है। आप दुनिया के किसी हिस्से में हों, किसी फील्ड में काम कर रहे हों, यदि इसके अर्थो को समझकर इस पर सही ढंग से अमल किया तो इसके जो चमत्कारिक परिणाम होंगे, उसे आप ही हासिल करेंगे। एक बार फिर बताऊं, दुनिया में हर चीज की एक निश्चित अवधि होती है, निश्चित फ्रेम होता है, निश्चित सर्कल भी। उसी अवधि, उसी फ्रेम, उसी सर्कल में चीजें घूमती हैं। आपको इस निश्चित अवधि से अनजान नहीं रहना होगा। इस निश्चित अवधि का संज्ञान में आना, उसका भान होना ही काउंटडाउन है। काउंटडाउन उस मैकेनिज्म का नाम है, जिससे आप समय पर नजर रख सकते हैं और उसके अनुसार अपना भविष्य प्लान कर सकते हैं। काउंटडाउन का मतलब ही है टार्गेट पर नजर। और अब क्या यह कहने की जरूरत है कि जिस किसी व्यक्ति की अपने टार्गेट पर नजर होती है, सफल वही हो सकता है। तो मानेंगे न कि हमें आज से काउंटडाउन करना शुरू कर देना चाहिए? फिलहाल इतना ही। व्यक्तित्व विकास और बेहतर भविष्य के टिप्स खोजती चर्चाएं अभी जारी रहेंगी। अगली पोस्ट में पढ़िए – रातोरात हो सकता है चमत्कार।
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