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एक हादसा कई सबक – ५
ईश्वर न करे कभी किसी के साथ कोई भी हादसा हो। कोई कितना भी शक्तिमान क्यों न हो, कोई कितना भी सामर्थ्यवान क्यों न हो, कोई कितना भी विद्वान-बलवान क्यों न हो, एक हादसा होते उसके चेहरे को देखिए, उसके मिजाज को देखिए…। दया का पात्र बन जाता है अच्छा खासा इंसान। दया खोजने लगता है, दया न मिले तो काउंट करने लगता है, माइंड करने लगता है, माला की तरह जपने लगता है, दुश्मनी तक साधने लगता है। आह, ईश्वर ऐसा नजारा देखना कभी गंवारा न करे। कभी किसी को हादसे का शिकार न बनाए…। पर, हादसे हैं कि होते रहते हैं, उस पर किसी का वश कहां! है वश?
एक हादसा कई सबक के इस एपीसोड में जो बात कहना चाहता हूं, वह है बड़ा महत्वपूर्ण। संभवतः हादसे की यह परिभाषा अब तक आपके सामने नहीं आई हो। हादसे के बारे में मैंने जितना सोचा, जितना जाना, उसका कुल मतलब इतना ही निकला कि हादसे पर इंसान का वश नहीं होता। होता तो हादसा ही क्यों होता? कौन चाहेगा कि कोई हादसा उसके साथ हो जाए। तो इतना मान लीजिए कि जो रहा है उसके पीछे कोई सत्ता, कोई नियामक बाडी काम कर रही है।
वह बाडी जो अनंत है, जो अपरंपार है, जो नित्य है, जो चिरंतन है, जो अद्वैत है, जो कण-कण में है, जिसकी लाठी आवाज नहीं करती, जो सर्वव्यापी है। अब इस बाडी ने हादसा करा दिया। यानी सबक नंबर एक कि ज्यादा उड़ो नहीं, कभी भी, कहीं भी झपट लूंगा, यह ख्याल रखो। तो इस सबक को ग्रहण कीजिए। यह खास सबक है। ऐसे या वैसे, कैसे भी हो ग्रहण कीजिए। सबक नंबर दो कि डरो नहीं कि वह बाडी जब चाहेगी तभी होगा हादसा और जितना चाहेगी उतना ही होगा नुकसान। तो निर्भीक होकर अपना काम करते चलिए डरिए नहीं, और हादसे की चिंता करनी तो बिल्कुल ही छोड़ दीजिए।
और सबसे बड़ी बात, आखिरी भी, जिसे बताने के लिए इतना बड़ा शब्द जाल बुना गया। बाडी ने हादसा कराया, जान बख्शी तो क्या है इसका मतलब? इसका मतलब यह है कि अभी आपकी जिंदगी को उसने कनक्लूड नहीं किया, खत्म नहीं किया। तो अभी जीवन बचा है, सांसें बची हैं। और यह क्या कहने की जरूरत है कि जीवन है तो संघर्ष है, जीवन है तो जंग है और इसी में छिपी है सफलता-विफलता। यह भी मान लीजिए कि विफलता के लिए बाडी ने आपको मोहलत नहीं दी। मोहलत दी है कि आपको सफल होना है, सफलता के लिए संघर्ष करना है।
तो मत चूको चौहान…। हादसे ने दिया सबक, एलान करो जंग का। याद रखिए परिभाषा – अहसानमंद जीवन का गुमान है हादसा, जीवन के साथ जंग जारी रखने का एलान है हादसा। जीवन के साथ एक नए संघर्ष का एलान है हादसा। नई मंजिल की तलाश औऱ उसे हासिल करने का एलान है हादसा।
अगली पोस्ट में पढ़िए – मान लो तो हार, ठान लो तो जीत
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